36 तब ऊं सब लोगु की हिम्मत बढी गै, अर ऊंन भि खाणुक खै।
36 इन कै ऊं सभियूं पर हिम्मत ऐ गै अर तब ऊंल भि खै।
मगर फिर भि मि तुमतै एक सला देण चान्दु कि हिम्मत रखा, किलैकि तुम मा बटि कुई भि नि मुरलु, मगर जाज को नास ह्वे जालु।
इलै हे मेरा भैयों हिम्मत रखा, किलैकि मितैं परमेस्वर पर बिस्वास च कि जन वेन मितैं बतै उन्नि होलु