अर जब हम तुमरा पास अयां, त तुमुन परमेस्वर का वचन तैं स्वीकार कैरी। अर वे वचन तैं मनखि को वचन नि समझि, बल्किन मा परमेस्वर को वचन समझि के अपणा जीवन मा स्वीकार कैरी। इलै ईं बात का खातिर हम लगातार परमेस्वर को धन्यवाद करद्यां। अर या बात सच्च च, किलैकि यू वचन सच्चि मा परमेस्वर को ही वचन च जु की तुम बिस्वासी लोगु का बीच मा काम कनु च।