2 कुरिन्थि 12:21 - Garhwali21 अर मितैं ईं बात कि चिन्ता च कि जब मि तुमरा पास फिर से औलु, अर अगर जु तुमरा बीच मा भौत सा लोग अभि भि अपणा पुरणा पापों मा ही फंस्यां छिन, अर अपणा मनों मा गळत विचार रखदिन, या सरील का गळत सम्बन्ध रखणा छिन, जौन अपणा यों पापों से पस्ताप नि कैरी त मितैं तुमरि खातिर दीन होण पोड़लु, अर पिता परमेस्वर का समणि रुंण पोड़लु। Gade chapit laगढवली नयो नियम21 अर कखी इन नि हो कि जब मि दुबरा तुम बट्टी मिलणु कु ओ, मेरू पिता परमेश्वर मि तैं बैजत कैरो; अर मि तैं भौत सी लुखुं कु फिर शोक कन पोडो, जौनु पैली पाप कैरी छो, जन गंदा काम अर यौन सम्बन्धी पाप अर शर्मनाक काम करिनि जु ऊंल करिनि, अर पापों कु पश्चाताप नि कैरी। Gade chapit la |
हे मेरा भै-बैंणो, मि तुमतै यू भि याद दिलौण चान्दु कि जन सदोम, अमोरा अर वेका आस-पास का नगरों का लोग गळत सम्बन्ध रखण वळा ह्वे गै छा, इख तक की उखा लोग अपणा सरील की इच्छा तैं पूरु करण खुणि एक बैख दुसरा बैख का दगड़ा मा सरील का गळत सम्बन्ध रखण लगि गै छा। तब वे बगत मा पिता परमेस्वर न ऊं नगरों को कभि नि बुझण वळी आग का द्वारा नास कैर दिनी, अर आज वु सब हम सभ्यों खुणि सदनि खुणि एक उदारण बणि गैनी।
अर हमरु सभौ दिन का उज्याळा का जन हो। हाँ, जन दिन को उज्याळु सभ्यों पर चमकदु, ठिक उन्नि हमरु सभौ भि हो ताकि वेका द्वारा हम सब लोगु खुणि अच्छु सभौ वळा बणि जा। अर नऽ त हमतै मौज-मस्ती करण चयेणी, अर ना ही हमतै नसा करण वळु होण चयेणु। अर नऽ त हमतै गळत सम्बन्ध रखण चयेणा, अर ना भोग-बिलास करण चयेणु, अर नऽ त हमतै कै का दगड़ा मा लड़ै-झगड़ा करण चयेणा, अर ना ही हमतै एक-दुसरा तैं देखि के जलत्यौण चयेणु।