2 कुरिन्थि 12:13 - Garhwali13 अर या बात सच्चि च कि मिन तुमरा दगड़ा मा उन बरतौ नि कैरी जन मि दुसरि जगा मा रौण वळा बिस्वासी समुदाय का लोगु का दगड़ा मा करदु, जौं की शुरुवात मेरा द्वारा ही किये गै। अर तुमतै क्या लगदु कि मिन कुछ गळत कैरी? नऽ रे ना, मिन त अपणी जरुरत तैं पूरि करणु खुणि तुम से कुछ नि मांगि, त क्या अब मितैं तुम से माफी मंगण पोड़लि? Gade chapit laगढवली नयो नियम13 एक काम जु मिल तुम्हरा दगड़ी नि कैरी जु कि मिल हैंकी मण्डलियों बट्टी कैरी, उ यु च कि मि कभी भि तुम पर आर्थिक बोझ नि बणु; क्य यु बट्टी तुम तैं हीन भावना महसूस हूंदी? तुम्हरो यु सुचण गलत च कि मिल इन कैरी कै तुम्हरो विरुद्ध गलत ही कैरी इलै मि तैं माफ करयां। Gade chapit la |
हे मेरा भै-बैंणो, मि तिसरी बार तुमरा पास औण खुणि तयार छौं, मगर मि तुम पर बोझ नि बणण चान्दु। अर मितैं वु नि चयेणु जु कि तुमरा पास च, बल्किन मितैं त तुम लोग चयेणा छाँ। अर बच्चों से उम्मीद नि किये जान्दी की वु अपणा ब्वे-बाब खुणि बचै के जमा करला, बल्किन मा ब्वे-बाब तैं अपणा बच्चों खुणि सब कुछ कन चयेणु।