1 तीमुथियुस 6:4 - Garhwali4 त उ हर बात मा बड़ु मोन करण वळु च, अर वेतैं कुछ भि पता नि च। अर वु एक शब्द की वजै से की वेको मतलब क्या च भौत बहसबाजी करदु हो, अर इन कैरिके उ जलन रखदु, लड़ै-झगड़ा करदु, अर दुसरा लोगु का बारा मा गळत बुल्दु, अर सक करदु। Gade chapit laगढवली नयो नियम4 त उ भौत घमण्डी छिनी अर कुछ नि जंणदो, बल्कि वे तैं बहस कन कि अर शब्दों पर तर्क कने कि बिमारी च ज्यां ल जलन झगड़ा अर बुरै की बात अर बुरा-बुरा शक पैदा हूंदींनि Gade chapit la |
तब पौलुस अर बरनबास की ऊं लोगु का दगड़ा मा ईं बात का बानो वाद-विवाद ह्वे, अर यू वाद-विवाद कुछ जादा ही बढी गै। तब बिस्वासी समुदाय का लोगु न ये सवाल का जबाब तैं पौण का बानो पौलुस अर बरनबास तैं अर ऊंका दगड़ा मा बिस्वासी समुदाय का कुछ और लोगु तैं यरूशलेम नगर कू भेजि, ताकि ऊ उख जैके खास चेलों अर अध्यक्षों बटि ईं बात को जबाब पै सैका।
मेरा दगड़्यों, चौकस रा, कखि कुई मनखि अपणी झूठ्ठी शिक्षा का द्वारा तुमतै पिता परमेस्वर से मिलण वळा इनाम से बेदखल नि कैरी द्यो, किलैकि झूठ्ठु मनखि लोगु तैं दिखौणु खुणि दीन बणदु अर स्वर्गदूतों की पूजा करण की बात सिखौन्दु, अर उ इन जोर देन्दु कि तुम भि ठिक इन्नि कैरा। अर इन्द्रया झूठ्ठा लोग बुलला कि ऊंन पिता परमेस्वर से सुपन्या मा दरसन का द्वारा यू ज्ञान पै, इलै ऊ अपणा विचारों पर बड़ु मोन करदिन, मगर सच्चै त या च कि ऊंका मनों मा यू विचार परमेस्वर की तरफा बटि नि छिन।
अर हमरु सभौ दिन का उज्याळा का जन हो। हाँ, जन दिन को उज्याळु सभ्यों पर चमकदु, ठिक उन्नि हमरु सभौ भि हो ताकि वेका द्वारा हम सब लोगु खुणि अच्छु सभौ वळा बणि जा। अर नऽ त हमतै मौज-मस्ती करण चयेणी, अर ना ही हमतै नसा करण वळु होण चयेणु। अर नऽ त हमतै गळत सम्बन्ध रखण चयेणा, अर ना भोग-बिलास करण चयेणु, अर नऽ त हमतै कै का दगड़ा मा लड़ै-झगड़ा करण चयेणा, अर ना ही हमतै एक-दुसरा तैं देखि के जलत्यौण चयेणु।