1 पतरस 5:1 - Garhwali1 मि एक अध्यक्ष छौं अर जौं दुख-तकलीफो तैं यीशु मसीह न सै, ऊं सब बातों को मि भि एक गवा छौं, अर प्रभु का औण वळा वे आदर-सम्मान मा मि भि साझेदार छौं। इलै मि तुमरा बीच मा जु अध्यक्ष लोग छिन, ऊं से बिन्ती करदु कि, Gade chapit laगढवली नयो नियम1 कुछ इन बात छिनी जु मि उख का पुरणा अगुवों बट्टी कन चांणु छो किलैकि मि भि तुम जन एक पुरणों अगुवा छो। मिल अफ भि ऊं दुखों तैं देख जु भौत बगत पैली मसीह ल सैनी। जब उ फिर वापिस आलो, त मि भि वेकी महिमा मा शामिल होलो अब मि तुम बट्टी बिनती कनु छो Gade chapit la |
अर जन सोना तैं परखणु खुणि आग की जरुरत होन्दी ताकि उ खरु बणौ, ठिक उन्नि तुमरा जीवनों मा अजमैस इलै औन्दी, ताकि तुम बिस्वास मा परखै जा अर खरा निकळि सैका। पर हे मेरा दगड़्यों, मि तुमतै बतै देन्दु, कि तुमरो बिस्वास त खतम ह्वे जाण वळा सोना से भि भौत जादा कीमती च। इलै जब तुम अजमैसों मा बटि निकळि के मजबूत होनद्यां, त यीशु मसीह का औण का बगत मा तुमतै पूरि तारीफ, बडै अर पूरु आदर जरुर मिललु।
हम जणदा छां कि ईं दुनियां मा हमरु सरील एक तम्बू की तरौं च, जैको कुई ठौ-ठिकाणु नि च अर एक दिन येको नास ह्वे जाण। मगर स्वर्ग मा हमरा पास पिता परमेस्वर की तरफा बटि मिलण वळु एक इन्द्रयो सरील होलु जैन सदनि तक रौण। अर यू सरील एक इन्द्रया तम्बू की तरौं च, जु कि मनखि का द्वारा ना पर पिता परमेस्वर का द्वारा बणयूं च।
हे मेरा भै-बैंणो, हम इन्द्रया ही भौत सा लोगु का बारा मा जणदा छां, जु कि बिस्वास का बारा मा हमतै हौसला देन्दा छिन। इलै अब हम पक्कु बिस्वास बणै के रखा, ठिक उन्नि जन एक खिलाड़ी अपणा बाटा मा औण वळी रुकावट तैं दूर करदु, ठिक इन्नि हम भि सब पापों तैं छोड़ि द्या अर सबर रखी के हरेक किसम की परेसानी तैं झेली के परमेस्वर का पिछनै चलण वळा बणा।