1 पतरस 3:20 - Garhwali20 अर जै बगत पितर नूह, पिता परमेस्वर का बुलण का मुताबिक जाज बणौणु छौ, वे बगत का लोगु न परमेस्वर की आज्ञा को पालन नि कैरी, अर पिता परमेस्वर सबर रखी के इन इंतजार कनु छौ, कि ऊ अपणा चाल-चलन मा बदळौ लेके आला, मगर इन नि ह्वे। तब पिता परमेस्वर न जल परलय कैरी, अर वे बगत मा कुछ ही लोग जाज मा बैठि के बचयै गैनी, अर ऊं मनखियों की गिनती आठ छै। Gade chapit laगढवली नयो नियम20 यु ऊं लुखुं की आत्माएँ छिनी जौन भौत बगत पैली पिता परमेश्वर की आज्ञाओं कु उल्लंघन कैरी छो। जब नूह अपड़ो जहाज तैं बनांणु छो, त पिता परमेश्वर धीरज से इन्तेजार कनु छो कि देखो क्य उ लोग पछतौ करला। पर भस जहाज मा प्रवेश कन वला आठ लुखुं तैं वीं भयानक बाड़ मा डुबण से बचये गै। Gade chapit la |
अर बिस्वास से ही पितर नूह न परमेस्वर की तरफा से वे पाणि की विपदा का बार मा जाणि जैतैं वेन देखि नि छौ, अर वेन परमेस्वर की बात सुणी अर परमेस्वर की आज्ञा माणी के अपणा परिवार तैं बचौणु खुणि पाणि को एक बड़ु जाज बणै। अर इन्द्रया बिस्वास का बानो परमेस्वर न नूह तैं अपणी नजर मा धरमी पै, मगर वे बगत का लोगु न बिस्वास नि कैरी, इलै परमेस्वर न ऊंतैं दण्ड दिनी।
ठिक उन्नि पिता परमेस्वर भि मनखि का अपराधों तैं देखि के बड़ु गुस्सा च। अगर उ चौ त मनखियों तैं अपणी ताकत से दण्ड दे सकदु, मगर फिर भि वु सबर रखी के लोगु की सौन्दु। अर यू त वु लोग छिन जु कि नास होण का लैख छिन अर ऊंतैं देखि के वेतैं गुस्सा औन्दु, मगर फिर भि पिता परमेस्वर इथगा सबर रखणु च त यां मा वेकी क्या गळती?