1 कुरिन्थि 8:9 - Garhwali9 अर भले ही तुम कुई भि चीज खन्द्यां, पर ईं बात को ध्यान रखा, कि तुमरि वजै से कुई दुसरो बिस्वास भै या बैंण अपणा बिस्वास मा डगमगै नि जौ। अर इन इलै होलु किलैकि उ भै या बैंण बिस्वास मा मजबूत नि च। Gade chapit laगढवली नयो नियम9 पर चौकस रावा, इन नि हो, कि तुम्हरी य आजादी कखी ऊं लुखुं कु जु विश्वास मा कमजोर छिनी ठोकर कु कारण बंणि जां। Gade chapit la |
अर जब ऊं लोगु का बीच मा छौ जु कि बिस्वास मा कमजोर छिन त मि ऊंका जन ही बणि ग्यों, ताकि वु बिस्वास मा और मजबूत ह्वे सैका। अर यों सब बातों को मतलब यू च कि मि सब किसम का लोगु खुणि सब कुछ बणि ग्यों, ताकि कनि ना कनि के मि लोगु तैं यीशु मसीह का पास लेके ऐ सैकु, अर वु वीं सजा से बचि जा जु की पाप करण की वजै से मिलदी।
“मगर फिर भि तुमरा खिलाप मा बुलणु खुणि मि मा कुछ ही बात छिन कि तुमरा बीच मा कुछ लोग इन्द्रया छिन जु कि बिलाम की शिक्षा तैं मणदिन, हाँ, बिलाम जैन राजा बालक तैं सिखै छौ कि कुछ इन कैर, ज्यां से कि इस्राएली लोग मूरतों का अगनै अरपण मा चड़ईं चीजों तैं खा, अर ऊं खुणि इन जाल बिछौ कि ऊंका नौना सरील का गळत सम्बन्ध तैं ही पूरु करण पर लग्यां रा।
अर अगर कुई आदिम त्वेकू इन बोलो कि, “यू खाणुक त मूरत का अगनै भेंट मा चड़ये गै छौ।” त त्वेतै वे बुलण वळा मनखि की वजै से नि खाण चयेणु। पर अगर जु तू खाणि छैई त कखि इन नि हो कि उ त्वेतै देखि के अपणा मन मा इन सोचो की यू त द्यबतों तैं पूरु आदर-सम्मान देणु च। इलै हे मेरा दगड़्यों, मेरी आजादी दुसरा लोगु का द्वारा किलै परखै जौ।