पर फिर भि यू ज्ञान सब लोगु का पास नि च, किलैकि कुछ लोगु का बिंगण मा त अभि तक नि ऐ कि मूरतों मा कुई भि ताकत नि होन्दी। अर इन्द्रया लोग पैलि त मूरतों की पूजा करदा छा, अर ऊंका अगनै चड़ईं चीजों तैं खान्दा छा। अर अब जब वु लोग खाणुक खनदिन, त इन सोचदिन कि कखि यू मूरतों का अगनै चड़यूं खाणुक त नि च। तब ऊंको जमीर कमजोर होण की वजै से ऊंतैं दोषी ठैरान्दु, अर ऊ लोग इन बुल्दिन कि, “अरे, हम पाप कना छां।”