1 कुरिन्थि 6:12 - Garhwali12 अर अगर कुई इन बुल्दु कि, “सब धंणि मि खुणि ठिक छिन।” मगर मि तुमतै बतै देन्दु, कि सब धंणि तुमरा फैदे कि नि छिन। अर मि बोलि सकदु छौं कि नियम-कानून का हिसाब से मि खुणि सब कुछ ठिक च, पर मि नि चान्दु कि मि कैं भि चीज को गुलाम बणु। Gade chapit laगढवली नयो नियम12 मि एक विश्वासी छों, इलै मि तैं सब कुछ कने की आजादी त च, पर सब कुछ लाभ कु नि च, जबकि सब कुछ कने की मि तैं आजादी त च, पर मि कै बात का भि अधीन नि छों। Gade chapit la |
अर यू झूठ्ठा लोग ढन्ड़ीयों मा छिप्यां चटानों का जन छिन, अर मसीह प्यार से ज्वा दावत तुम अपणा घौरों मा रखद्यां, यू लोग वामा तुमरा दगड़ा खान्दा-पीन्दा छिन। अर यू लोग सिरफ अपणु पुटगु ही भोरण चनदिन, अर लोग त बिना पाणि वळा बादळों का जन छिन जौं तैं हवा अफ दगड़ा मा उड़ै के लि जान्दी। अर इन्द्रया डाळों का जन छिन, जौं पर समौ औण पर फल नि लगदिन बल्किन मा यू त दुई बार सूखि गैनी अर जलुड़ो समेत उखड़्यां छिन।