1 कुरिन्थि 13:5 - Garhwali5 नऽ त उ गळत बरतौ करदु, अर नऽ त गुस्सा करदु, अर ना ही बुरै करण वळा लोगु बटि बदला लेन्दु, इन्द्रयो मनखि अपणी ही भलै नि सुचदु, बल्किन मा एक-दुसरा तैं माफ करदु। Gade chapit laगढवली नयो नियम5 उ दुसरों का दगड़ी बुरो बरतौ नि करदींनि, प्रेम मतलबी नि हूंद, यु बल्कि खुद तैं खुश कना का बारा मा नि सुचदींनि, उ जल्दी गुस्सा नि हूंदींनि। Gade chapit la |
इलै हे मेरा भै-बैंणो, कुछ और बात भि छिन जु की सच्चि अर सोच-विचार करण का लैख छिन, अर यू वु बात छिन जु कि साफ अर पवित्र छिन अर यों बातों बटि प्यार किये जान्दु, अर यू खुश कैर देण वळी छिन, अर यों मा हरेक किसम का गुण पये जनदिन, अर यों बातों की तारीफ किये जान्दी, अर यू वु बात छिन जौं पर लगातार तुमतै अपणु ध्यान लगौण चयेणु।
अर तुम मा बटि कुछ लोगु न अपणी अणविवाक नौन्यों का बारा मा मि बटि पूछी, कि ऊंतैं क्या करण चयेणु त मि ऊंतैं इन सला देन्दु कि, अगर कै अणविवाक नौनि को ब्यौ करण को सही बगत ऐ गै, अर वींका ब्वे-बाब वींतैं ब्यौ करण से रोका, अर वा फिर भि ब्यौ करण चाणि हो त वींतैं ब्यौ करण द्या, किलैकि इन कैरिके तुम वींका दगड़ा मा कुछ गळत नि कना छाँ।
अर जब पैलि दौं रोम देस मा मेरु न्याय करण खुणि मितैं कचैरी मा खड़ु किये गै छौ, त मितैं बचौणु खुणि कैन भि गवै नि देई, किलैकि सब लोग मितैं छोड़ के चलि गै छा। मगर फिर भि मेरु प्रभु मेरा दगड़ा मा छौ अर वेन मितैं ताकत देई, ताकि मि शुभ समाचार का परचार तैं पूरु कैर सैकु, अर जु लोग यहूदी जाति का नि छिन ऊं सभ्यों तैं शुभ समाचार सुणो। अर परमेस्वर न मितैं मौत का गिच्चा बटि बचै, अर मि इन प्रार्थना करदु कि जु लोग मितैं छोड़ि के चलि गै छा, परमेस्वर ऊंतैं माफ कैरो।