किलैकि तुम लोगु न पैलि अपणा जीवन तैं दुनियां का लोगु का दगड़ा मा मिली के बुरी इच्छाओं तैं पूरु करण मा भौत बरबाद कैरियाली, जन कि भोग-बिलास, हवस, दरोळया होण, अर दुनियां की रंगरेलीयों मा, घतोलि-घतोलि के दारु पीण मा, अर मूरत पूजा करण जु कि इन्द्रया काम छिन जौं से की पिता परमेस्वर तैं घिण औन्दी, अर तुम भि पैलि इन्नि कामों मा लग्यां रौन्दा छा।