1 कुरिन्थि 10:7 - Garhwali7 अर ना ही तुम मूरतों की पूजा करण वळा बणा, जन कि ऊंमा बटि कथगा ही लोगु न कैरी। अर जन कि पवित्रशास्त्र मा भि ऊं लोगु का बारा मा लिख्यूं च कि, “लोग खाण-पीणु कू बैठिनी, अर उठी के नचण अर मौज-मस्ती करण लगि गैनी।” Gade chapit laगढवली नयो नियम7 अर न तुम मूर्तियों का पुजण वला; जन कि ऊंमा बट्टी कथग ही बंणि गै छा, जन की पिता परमेश्वर का वचन मा लिख्युं च, “लोग खांण पीण कु दावत मा बैठ गैनी अर फिर नचण अर ऐश कनु कु उठ गैनी।” Gade chapit la |
अर यू सब बतौणु खुणि ही मि तुम खुणि इन लिखणु छौं, कि तुमतै इन्द्रया लोगु का दगड़ा मा मेल-जोल नि रखण चयेणु, जु खुद तैं मसीह का लोग बतौन्दिन, मगर दुसरो का दगड़ा मा गळत सम्बन्ध रखदिन, या लालची छिन, अर मूरत पूजा या गळी देण वळा छिन, या फिर दरोळया, दुसरो तैं धोखा देण वळा छिन। अरे, मि तुमतै बतै देन्दु कि इन्द्रया लोगु का दगड़ा मा खाणुक खाण भि छोड़ि द्या।
पर फिर भि यू ज्ञान सब लोगु का पास नि च, किलैकि कुछ लोगु का बिंगण मा त अभि तक नि ऐ कि मूरतों मा कुई भि ताकत नि होन्दी। अर इन्द्रया लोग पैलि त मूरतों की पूजा करदा छा, अर ऊंका अगनै चड़ईं चीजों तैं खान्दा छा। अर अब जब वु लोग खाणुक खनदिन, त इन सोचदिन कि कखि यू मूरतों का अगनै चड़यूं खाणुक त नि च। तब ऊंको जमीर कमजोर होण की वजै से ऊंतैं दोषी ठैरान्दु, अर ऊ लोग इन बुल्दिन कि, “अरे, हम पाप कना छां।”