14 आपणा मिनखानै ओरा की जुर्त पूरी करबा ताँई चोखा करमा म टेम बिताणो चाए, बानै फालतु को जीवन नइ जीणो चाए।
जिऊँ थे परबु जंय्यां चावै ह बंय्यां जी सको अर हर बाता म सदाई परबु मसीनै राजी राख सको। थारै जीवन म भला कामा का फळ लागै अर थे परमेसर का ज्ञान म दिन-दिन बढता रह्यो।
आ बिस्वास जोगी बात ह। म चाऊँ हूँ क आ मामला म तू खास जोर देर बोलै जिऊँ परमेसर प बिस्वास राखबाळा, भला काम करीं, जखा सकै काम का अर चोखा हीं।
धारमिक्ता का चोखा लखणाऊँ थारो जीवन भरज्यावै, जखो परमेसर की मेमा अर जे-जैकार ताँई ईसु मसीऊँ मिलै ह।
पण जि दरख्त क चोखा फळ कोनी लागै, बिनै का'टर आग क मांयनै बाळ्यो जावै ह।
क्युं क ज थारै म अ सगळी बाता रेह्सी अर थे आ बाता म बढता रेहस्यो जणा परबु ईसु मसी की पिछाण म बो थानै निकम्मो कोनी होबा देसी।
इको मतबल ओ कोनी क मनै दान चाए; पण म थारी बही म बढतो होयो फाईदो देखबो चाऊँ हूँ।
जखा चोरी करीं हीं बानै चोरी करनी छोडर भला कामा म मेनत कर खुद ताँई कमाणो चाए अर गरीबानै दान देणो चाए।
थे मनै कोनी टाळ्या पण म थानै टाळ्यो हूँ, अर थानै बोळा सारका फळ ल्याबा को काम सूप्यो हूँ। अंय्यां का फळ फळो जखा सदाई बण्या रेह्वै, अर इ बजेऊँ परम-पिता बो सक्यु देसी, जोक्यु बी थे मेरा नामऊँ बिऊँ माँगस्यो।
जखी परम-पिता चावै ह, थे बंय्यांई करो जणा इऊँ परम-पितानै मान मिलसी अर जणाई बेरो पड़सी क थे मेरा चेला हो।
अर कोईकिई फोकट की रोटी कोनी खाई; पण रात-दिन मेनत अर दुख उठार काम-धंधो करता हा, जिऊँ थार प बोज कोनी बण्या।
म परबु ईसु का बे बचन याद राख'र की ‘लेबाऊँ देबो चोखो ह।’ मेरा हाताऊँ मेनत कर माड़ानै समाळर थानै दिखायो हूँ।”
गेला म एक अंजीर को दरख्त देखर ईसु बिकन गयो, पण बि दरख्त म पत्तानै छोडर क्युंई कोनी लाध्यो। जणा बो बि दरख्तऊँ बोल्यो, “तेरै कदैई फळ कोनी लागै!” अर बो दरख्त जदकी जदई सूकगो।
अर बो बाकै सागै रेह्बा अर काम करबा लागगो क्युं क बाको एकसोई धंधो हो। बे तम्मू बणाबाळा हा।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, म्हें जाणा क थे म्हारी मेनतनै जखी म्हें थार ताँई करी अर दुखानै याद राखो हो। अर थानै पक्काई याद होगो क जद म्हें थानै परमेसर को चोखो समचार सुणार्या हा बि टेम का म्हारो पेट भरबा ताँई रात-दिन कंय्यां मेनत करी। क्युं क म्हें थार प म्हारो बोज कोनी लादबो चावा हा।
जणा ओ काम कर मतबल भेळा करेड़ा इ धननै जिमेबारी क सागै समळार, थारी नगरी होतो होयो स्पेन रवाना होज्यास्युं।
परमेसर का मिनखा की जुर्ता म बाको सागो द्यो, मिजमानी घालबा का मोका ढुंढता रेह्ओ।
अर जद मनै थिसलूनिकी म बी पिसा-टक्का की जुर्त पड़ी ही जणा बी थे ओज्यु मेर ताँई क्युंना क्युं भेजता हा।
बोई बोल जिपै कोई आँगळी नइ उठा सकै, जिऊँ तेरा बेरी सरमिंदा होवीं अर बाकन आपानै बुरो बताबा की कोई बजै नइ होवै।