जणा बिस्वासी मंडळी बानै थोड़ी घणी दूर छोडर गई अर बे फिनीके अर सामरीया क गेला, गैर-यहूदि कंय्यांसिक मन बदल्यो आ बात बिस्वासी भायानै बताता गया, जिनै सुणर सगळा बोळा राजी होया।
इब म थानै अपुलोस क बारां म बताऊँ हूँ जंय्यां क थे मेरूँ बिकै बारां म बुज्या हो। म बिनै सूल समजायो हो क बो दुसरा बिस्वासी भाईड़ा क सागै थारै कनै पाछो चल्यो जावै। पण बो हाल जाबा ताँई राजी कोनी पण आगै कोई मोका प थारै कनै आज्यासी।