एक बिस्वासी मंडळी का रूखाळा परधान म आँगळी टेकबा की झघा नइ हो, बिकै एकई लूगाई हो, खुदनै बस म राखबाळो, थ्यावस राखबाळो अर मरियादा म रेह्बाळो, बो आपकै घर म अणजाण की बी आवभगत करै, बो सीखाबा म निधान हो।
पण आपा जखा दिन का च्यानणा म चालां हां बानै चाए क बे खुदनै बस म राख'र बिस्वास अर प्यार-परेम की झिलम पेरीं अर छुटकारो पाबा की आसनै टोपला की जंय्यां पेरीं।
पण जद पोलुस धारमिक्ता, खुद प काबू राखबो अर परमेसर को मिनखा प आबाळा न्याय का दिन क बारां म बोलबा लाग्यो जणा फेलिक्स डरगो अर बोल्यो, “इब तो तू जा कदै ओज्यु मोको पड़सीक जणा तनै बुलास्युं।”
म आ चिठी तिमूतियूसनै मांडूँ हूँ, जखो बिस्वास म मेरो सचो बेटो ह। तिमूतियूस, तेर प परम-पिता परमेसर अर आपणा परबु मसी ईसु को आसिरबाद, दया अर स्यांती होती रेह्वै।
अर म उमर म बी बडो हूँ अर अठै ताँई क म मसी ईसु का चोखा समचारनै सुणाबा की बजेऊँ जेळ म बंदि हूँ। पण आ सगळी बाता क वावजुद बी म तेरूँ परेमऊँ अरदास करूं हूँ,