पण आपा जखा दिन का च्यानणा म चालां हां बानै चाए क बे खुदनै बस म राख'र बिस्वास अर प्यार-परेम की झिलम पेरीं अर छुटकारो पाबा की आसनै टोपला की जंय्यां पेरीं।
जखा मिनखा को नाम बि उन्या की जीवन हाळी पोथी म कोनी मांडेड़ो बे सगळा मिनख इ डरावना जानबरनै धोकसी। ओ उन्यो जखो इ सरस्टि की सरूआतऊँई बलि होबा ताँई ते कर्यो गयो हो।
बिस्वास की दोड़ म पूरी ज्यान लगार भाज। अर खुद ताँई अजर-अमर जीवन जीत, जि ताँई तनै परमेसर बुलायो हो, जद तू रोब क सागै तेरा बिस्वासनै बोळा सारका गुवा क सामै दिखायो हो।
जद ईसु बठैऊँ निकळर गेला म जार्यो हो बठै एक मिनख भागतो होयो ईसु कनै आयो अर बो गोडा टे'कर हात जोड़र ईसुऊँ बुजबा लाग्यो, “ओ चोखा गरूजी म अजर-अमर जीवन पाबा ताँई काँई करूं?”