13 आकै बारां म इ आदमी की गुवाई सची ह, इ ताँई तू बानै दकालर समजा जिऊँ बे बिस्वास म मजबूत होवीं।
बूडा-ठेरानै हिदायत दे क बे सिदा-सादा, थ्यावस राखबाळा, खुदनै बस म राखबाळा लोगा म बुजहाळा, प्यार-परेम अर बिस्वास म मजबूत अर बरदास करबाळा हो।
जखा पाप करीं बाकै सगळा क सामै दकाल लगा जिऊँ दुसरा पाप करबाऊँ डरै।
तू अ सगळी बाता अधिकार क सागै तेरा सुणबाळानै सीखा, जुर्त पड़ै तो बाकै दकाल लगा अर जुर्त पड़ै तो हिमत बंधा। कोईकै सामैई तनै निचो नइ देखणो पड़ै।
परमेसर का बचना को परचार कर। टेम बेटेम मिनखानै सुदारबा ताँई त्यार रेह। तू मिनखानै सई कर अर बाका पाप प बाकै दकाल लगा। सागैई बानै उदास बी मना होबा दे, बानै हिदायत देती टेम सदाई थ्यावस राखजे।
इ ताँई थारूँ दूर होतासोता बी, म आ बातानै थारै ताँई मांडर्यो हूँ। जिऊँ क जद म थारै कनै आऊँ, जणा मनै परबु का दियड़ा हकनै कल्डाई दिखाबा ताँई काम म नइ लेणो पड़ै। ओ हक थानै बणाबा ताँई ह, थानै गेरबा ताँई कोनी।
ज तू भाईड़ानै अ हिदायत देसी जणा तू मसी ईसु को चोखो दास होसी। इऊँ ओ बेरो पड़ै क, आत्मिक रूपऊँ बिस्वास का बचन अर सची सीख तेरै मांयनै ह, जखी तू मानतो आयो ह।
कुकरमी, आदमी आदमी क सागै कुकरम करबाळा, मिनखानै बेचबाळा, झूठ बोलबाळा, अर झूठी सोगन खाबाळा, आकै अलावा खरी सीख को बिरोद करबाळा ताँई बताएड़ा ह।