18 खेबा को मतबल ओ ह क परमेसर जिपै दया दिखाबो चावै बिपै दया दिखावै ह अर जिको मन काठो करबो चावै बिका मननै काठो कर देवै ह।
परमेसर की मेमाभरी दया ताँई बिकी जे-जैकार होवै, जखी बिका लाडला बेटा म आपानै सितमित म मिली ह!
“परमेसर बाकी आँख्यानै आँदी, अर बाका मनानै काठो कर दिओ, जिऊँ क बाकी आँख्या देख कोनी सकै, अर बाको मन समज कोनी सकै, कदै अंय्यां नइ होवै क बे खुदको मन मेर म लगावीं, अर म बानै निरोगो करूं।”
मेरा लाडला बिस्वास्यो! म थानै इ लुखेड़ा सचऊँ अणजाण कोनी राखबो चाऊँ, क थे खुदनै घणा चतर नइ समजबा लागो। क्युं क इजरायल का मिनखा को ढिटपुणो सदाई कोनी बण्यो रेह्सी। ओ तो जद ताँई ह जद ताँई गैर-यहूदि मिनखा मऊँ जत्ता टाळेड़ा हीं, बे सगळा परमेसर कनै नइ आज्यावै।