14 जणा आपा काँई बोलां? के परमेसर अन्यायी ह? नइ, अंय्यां कोनी!
बिकै पाछै म बेदीऊँ उवाज सुण्यो, “ओ परबु परमेसर थे सऊँ सक्तिसाली हो। थारो न्याय सचो अर सई ह।”
जणा यहूदि होबा को काँई फाईदो अर सुन्नत को काँई मोल?
पण थारा जीद्दि सुभाव अर पापऊँ मन नइ फेरबा की बजेऊँ थे थारै ताँई झाळ भेळी करर्या हो अर आ झाळ थार प बि दिन पड़सी जद परमेसर आपको सचो न्याय परगट करसी।
बो आर बा ठेकेदारानै मार अँगूरा को बाग दुसरानै समाळबा ताँई दे देसी।” आ बात सुण बे बोल्या, “अंय्यां कदैई नइ हो।”
परमेसर भेद-भाव कोनी करै।
जणा पाछै आपा काँई बोलां? गैर-यहूदि मिनख जखा धारमिक्ता की खोज म कोनी हा, बानै धारमिक्ता मिलगी। बे बिस्वास की बजेऊँई धरमी बणाया गया।