6 काया की बाता प मन लगाबो तो मरबो ह, पण पबितर आत्मा प मन लगाबो जीवन अर स्यांती ह।
क्युं क जखो काया की बुरी इंछ्या ताँई बोवै ह बो आपकी काया की बजेऊँ नास होबाळी फसल काटसी। पण जखो पबितर आत्मा ताँई बोवै ह बो पबितर आत्मा की बजेऊँ अजर-अमर जीवन की फसल काटसी।
काया प मन लगाबो तो परमेसरऊँ बेर बांदबो ह, क्युं क आ नइ तो परमेसर का नियमा प चालै अर नइ कदै चाल सकै।
क्युं क ज थे इ नसबर काया का सुभाव गेल जीओ जणा मरस्यो। पण ज थे पबितर आत्माऊँ काया का सुभावनै मार द्यो जणा जिस्यो।
पण परबु ईसु मसी का सुभावनै लेर आपणा पापी सुभावनै अर मन की इंछ्यानै मारो।
क्युं क पाप की मजुरी तो मोत ह पण आपणा परबु मसी ईसु म परमेसर को बरदान अजर-अमर जीवन ह।
पण पबितर आत्मा का फळ परेम, खुसी, स्यांती, थ्यावस, दया, भलाई, बिस्वास,
थानै चिंत्या अर डरबा की जुर्त कोनी, क्युं क म थानै स्यांती देस्युँ। आ इ दुनिया की स्यांती की जंय्यां की कोनी, आ बा स्यांती ह, जखी मई दे सकूँ हूँ।
अर थे खुद जाणो हो क बि टेम थानै कंय्यां को फळ मिल्यो? जिकी बजेऊँ आज थे सरमिंदा हो अर जिको आखरी फळ मोत ह।
क्युं क परमेसर को राज खाबो-पीबो कोनी पण बो तो धारमिक्ता, स्यांती अर पबितर आत्माऊँ मिलबाळो सुक ह।
क्युं क जद आपा मिनख सुभाव क गेल जिर्या हां जणा आपणी पाप भरी इंछ्या नेम-कायदा क जरिए आपणा म काम करबा लागी जिको फळ मोत हो।
ईसु बिऊँ बोल्यो, “सच, जीवन अर गेलो मई हूँ। मेरै बिना कोई परम-पिता कनै कोनी जा सकै।”
क्युं क पापनै मोको मिलगो अर बो नेम-कायदा क हुकम क जरिए मनै छळ्यो अर मनै मार गेर्यो।
क्युं क बि टेम का जद आपा परमेसर का बेरी हा, जणा परमेसर आपका बेटा की मोत क जरिए आपणो मेळमिलाप खुदऊँ कर्यो। अर इब जद आपणो मेळमिलाप होगो जणा मसी क जिबाऊँ पक्काई बचाया ज्यास्यां।
आपा बिस्वास की बजेऊँ धरमी होगा हां, इ ताँई परबु ईसु मसी क जरिए आपणो मेळमिलाप परमेसरऊँ ह।
अर इब, ओ परम-पिताजी, सरस्टि की सरूआतऊँ पेली आपा जखी मेमा म हा, बि मेमा म मनै लेज्याओ।
पण बो हियानै जाणबाळो जाणै ह क पबितर आत्मा की मनस्या काँई ह? क्युं क परमेसर की इंछ्याऊँई पबितर आत्मा परमेसर का मिनखा ताँई बिचोली करै ह।