4 जिऊँ नेम-कायदा की जुर्त आपणा म पूरी होज्यावै क्युं क आपा मिनख सुभाव की बिधीऊँ नइ पण पबितर आत्मा की बिधी गेल जीवां हां।
म थारूँ खेऊँ हूँ, ज थे पबितर आत्मा क कह्या गेल भेवार करस्यो, जणा काया की बुरी इंछ्यानै बस म राखस्यो।
पण इब, हाड-मास की काया म बिकी मोतऊँ परमेसर थारूँ बी मेळमिलाप कर लिओ। जिऊँ थानै पबितर, बिना कळंक अर निरदोस बणार आपकै सामै लेर आवै।
परबु ईसु मसी की बजेऊँ आपानै बचाबाळा परमेसर की जे-जैकार हो। परमेसरई थानै बचा सकै ह, अर पापऊँ धो सकै ह। अर बोई ह जखो थानै आपकी मेमाभरी मोजूदगीऊँ राजी कर सकै ह अर खुद क सामै निरदोस खड़्यो कर सकै ह। जुगादऊँ इब ताँई अर आबाळा जुग-जुग ताँई मेमा, मान, ताकत अर अधिकार परमेसर कोई ह। अंय्यांई होवै।
थे परमेसर का पेलीपोत की बिस्वासी मंडळी कनै आग्या हो जाका ईस्बर नगरी म नाम दरज हीं। थे बि परमेसर क कनै आग्या हो जखो सगळा को न्याय करै ह। अर धरम्या की आत्मा कनै आग्या हो जखा सिद बणग्या हीं,
अ मिनख कदैई झूठ कोनी बोल्या, अर अ बेकसूर मिनख ह।
ओ लाडलो, इब आपा परमेसर का टाबर हां, पण आबाळा टेम म आपा काँई होस्यां इकै बारां म आपानै ज्ञान कोनी करायो गयो ह। पण चाए जखोबी हो आपा आ जाणा हां क जद मसी ओज्यु परगट होसी जणा आपा बिकै जंय्यां का होज्यास्यां, क्युं क जंय्यां बो ह बंय्यांई बिनै आपा देखस्यां।
ज कोई गैर-यहूदि जखो बिना सुन्नत हाळो ह नेम-कायदा प चालै जणा बिनै सुन्नत हाळो नइ होबा प बी परमेसर सची सुन्नत हाळो गिणसी।
परमेसर की नजर्या म बे दोन्युई धरमी हा अर बे परबु का सगळा हुकमानै मानबा म खरा हा।
जणा के म्हें बिस्वास क जरिए नेम-कायदानै मानबो बंद कर दिओ? नइ, अंय्यां कोनी! पण नेम-कायदानै थाम राख्या हां।
म सोचूँ हूँ क जद म थारै कनै आऊँ जणा बा मिनखा क सागै सकताई बरतबा की जुर्त कोनी जखा सोचीं हीं क म्हें दुनियादारी को जीवन जीवां हां।
सई ह, म्हें इ दुनिया म रेह्वां तो हां पण इ दुनिया का मिनखा की जंय्यां लड़ा कोनी।