22 क्युं क आपा जाणा हां क हाल ताँई सगळी सरस्टि जच्चा किसी पिड़ाऊँ तड़पर बार घालरी ह।
जद एक लूगाई टाबर जलमै जणा बिनै पिड़ा होवै ह, क्युं क बा बिकी पिड़ा की घड़ी होवै ह। पण टाबर जलम्बा क पाछै एक टाबर क इ धरती प आबा की खुसी म बा आपकी सगळी पिड़ानै भूलर राजी होवै ह।
आ सरस्टि आपकी इंछ्याऊँ नइ पण इनै बणाबाळा की इंछ्याऊँ बेमतबल की होगी, इ आसऊँ क
ओ जणाई हो सकै ह जद थे बिस्वास म एक झघा अर अटल बण्या रह्यो अर जि चोखा समचारनै थे सुण्या हो बिऊँ मिलेड़ी बि आसनै मना तजो। ओ बोई चोखो समचार ह जिको म पोलुस गुलाम बण्यो हूँ अर इकी इ जगत का सगळा मिनखानै सीख दिनी गई ह।
बा पेटऊँ ही अर बा दरदऊँ अंय्यां चिलाटी घालरी ही क इबारई बिकै टाबर होबाळो होवै।
जणा पाछै ईसु बानै ओडायो, “थे सगळा जगत म जार चोखा समचार को हेलो द्यो।