अर बोई म्हानै नया करार को दास होबा जोगो बणायो ह। अर आ कोई मांडेड़ी बात कोनी ह पण ओ पबितर आत्मा को करार ह क्युं क मांडेड़ो नेम-कायदो तो मारै ह जदकी पबितर आत्मा जीवन देवै ह।
पण इब थानै पाप का बंदणाऊँ छुटा लिओ गयो ह, अर थे परमेसर का दास बणगा हो, जणा जखी खेती थे काटर्या हो बा थानै पबितरता म लेज्यावै ह जिको आखरी फळ अजर-अमर जीवन ह।
पण ज मेरा दियड़ा पाणी मऊँ कोई पिसी जणा बो ओज्यु कदैई कोनी तिसायो होसी। बि पाणीऊँ जखो म बानै देस्युँ, बिऊँ बे अजर-अमर जीवन ताँई जीवन देबाळा पाणी को झरनो बणज्यासी।”
ईसु जुबाब म बोल्यो, “ज तू परमेसर का बरदाननै जाणती अर आबी क, ‘जखो तेरूँ पीबा ताँई पाणी माँगर्यो ह बो कूण ह, जणा तू बिऊँ माँगती अर बो तनै जीवन देबाळो पाणी देतो।’”
पण म मेरी काया म ओरई नेम-कायदानै काम करता देखूँ हूँ जखो मेरी सोच प राज करबाळा नेम-कायदाऊँ लड़ै ह। अर मनै पाप का नेम-कायदा को केदि बणा लेवै ह, अ नेम-कायदा मेरी काया म काम करै ह।