पण इब आपानै नेम-कायदाऊँ छुटकारो दे दिओ गयो ह जिकै बंदण म आपा बंदर्या हा अर आपा बि नेम-कायदा ताँई मरलिआ। जिऊँ बि पुराणा मंडेड़ा नेम-कायदाऊँ नइ पण पबितर आत्मा की नएड़ी रीत गेल सेवा करां।
बो आपका बापऊँ बोल्यो, ‘म बरसाऊँ थारी सेवा एक दास की जंय्यां करतो आर्यो हूँ, अर थारो अंय्यां को कोई हुकम कोनी जखो म कोनी मान्यो हो, इकै बावजुद बी थे मनै कदैई एक टाट को बच्योई कोनी दिओ की म बिनै मेरा भाईला क सागै मिलर खाऊँ।