14 क्युं क आपा जाणा हां क नेम-कायदा आत्मिक ह पण म हाड-मास को मिनख हूँ जखो पाप की गुलामी ताँई बिकेड़ो हूँ।
हाँ म जाणू हूँ क मेरा पापी मिनख सुभाव म कोईबी चोखी चिज को बास कोनी। भलाई करबा की इंछ्या तो मेरै मांयनै ह पण भलाई का काम मेरूँ कोनी होवै।
म परमेसर का सगळा मिनखा म सऊँ छोटो हूँ इकै पाछै बी परमेसर की आ दया मेर प होई ह जिऊँ म गैर-यहूदि मिनखानै मसी का अनमोल धन का चोखा समचार सुणाऊँ।
पण म थारूँ अंय्यां बोलुँ हूँ क ज कोई मिनख पराई लूगाईनै बुरी नजर्याऊँ देखै ह जणा बो आपका हिया म बि लूगाईऊँ कुकरम कर लिआ।
पण म थारूँ खेऊँ हूँ क ज कोई मिनख कोई पाड़ोसी भाईड़ा प झाळ काडै बिको न्याय होसी। अर ज कोई मिनख कोईकी बेजती करै बिको न्याय पंचायत करसी; अर ज कोई मिनख कोईनै बावळो खेवै बिनै परमेसर नरक की आग म गेरसी।
जणा बे बाकै सागै होलिआ। पण जद बे बिकाळा घरा क सांकड़ै लाग्याक बि टेम बो सुबेदार क्युंक भाईला क हात आ खुवा भेजी क, “परबु म अत्तो बडो आदमी कोनी, क थे मेरी छात क तळै आओ।
आ देखर समोन पतरस ईसु क पगा म पड़गो अर बोल्यो, “परबु म पापी हूँ मेरूँ दूर रेह्ओ।”
पण बि मिनख क कनै राजानै चुकाबा ताँई कोडोई कोनी हो, इ ताँई बो राजा सिपाईड़ानै हुकम दिओ, ‘इ मिनखनै इकी लूगाई अर टाबर-टिकरा क सागै बेचर मेरो हिसाब पूरो करद्यो।’
ईसु पतरस कानि मुड़र बोल्यो, “सेतान! मेरै कनैऊँ चल्योजा, तू मनै अंय्यां करबाऊँ रोकबो चावै ह, क्युं क तू परमेसर की जंय्यां कोनी सोचै पण मिनखा की जंय्यां सोचै ह।”
क्युं क परमेसर को बचन जिंदो अर काम करबाळो ह। बो दोधारी तलवारऊँ बी बेत्ती पेनो ह। परमेसर को बचन आत्मा, पिराण, जोड़ अर गुली म जार बानै न्यारो-न्यारो कर सकै ह। अर ओ हिया का बिचारानै अर मनस्यानै बिचासै ह।
जणा काँई बात ह? आपा यहूदि गैर-यहूदि मिनखाऊँ चोखा हां के? नइ, क्याका चोखा हां। जंय्यां क म्हें पेलीई बोल दिआ हा क यहूदि अर यूनानी दोन्युई पाप क बस म हां।
क्युं क आपा आ जाणा हां क इ नसबर काया को आपणो पुराणीयो जीवन ईसु क सागै सुळी प चढा दिओ गयो हो, जिऊँ पापऊँ भरी आपणी काया नास होज्यावै। अर आपा आगैऊँ पाप का गुलाम नइ होवां।
अर अंय्यां आपणै सागै बि हो। आपा जद टाबरा हा, जणा आपा जगत की आत्मिक सक्तिया का गुलाम हा।