पण इब आपानै नेम-कायदाऊँ छुटकारो दे दिओ गयो ह जिकै बंदण म आपा बंदर्या हा अर आपा बि नेम-कायदा ताँई मरलिआ। जिऊँ बि पुराणा मंडेड़ा नेम-कायदाऊँ नइ पण पबितर आत्मा की नएड़ी रीत गेल सेवा करां।
मेरा लाडला बिस्वासी भाईड़ो, म चाऊँ हूँ थे इनै जाणो क म बोळी बार थारै कनै आबा की सोची क थारै म बाकी का दुसरा गैर-यहूदि मिनखा की जंय्यां फळ पा सकूँ पण हर बर क्युंना क्युं अंय्यां होयो क म कोनी आ सक्यो।