पण इब आपानै नेम-कायदाऊँ छुटकारो दे दिओ गयो ह जिकै बंदण म आपा बंदर्या हा अर आपा बि नेम-कायदा ताँई मरलिआ। जिऊँ बि पुराणा मंडेड़ा नेम-कायदाऊँ नइ पण पबितर आत्मा की नएड़ी रीत गेल सेवा करां।
थे तो मसी क सागै मरेड़ा हो अर थानै जगत प राज करबाळी आत्मा क कनैऊँ छुडायड़ो ह। जणा पाछै थे आ जगत का मिनखा की जंय्यां क्याले जीओ हो? थे जगत का अंय्यांलका नियमानै क्याले मानो हो?