थारी काया का अंगानै अधरम का सादन होबा ताँई पाप क हाता म मना द्यो, पण मरेड़ा मऊँ जी उठबाळा की जंय्यां परमेसर क हाता म द्यो। अर थारी काया का अंगानै धरम का सादन होबा ताँई परमेसरनै सूप द्यो।
जणा इब थे बी जीवता भाठा की जंय्यां हो, जाऊँ परमेसर आपको आत्मिक घर बणार्यो ह। थे पबितर याजक बी हो, जखा आपका आत्मिक चढावानै ईसु मसी क जरिए परमेसरनै राजी करबा ताँई चढाओ हो।
पण इब आपानै नेम-कायदाऊँ छुटकारो दे दिओ गयो ह जिकै बंदण म आपा बंदर्या हा अर आपा बि नेम-कायदा ताँई मरलिआ। जिऊँ बि पुराणा मंडेड़ा नेम-कायदाऊँ नइ पण पबितर आत्मा की नएड़ी रीत गेल सेवा करां।
थे तो मसी क सागै मरेड़ा हो अर थानै जगत प राज करबाळी आत्मा क कनैऊँ छुडायड़ो ह। जणा पाछै थे आ जगत का मिनखा की जंय्यां क्याले जीओ हो? थे जगत का अंय्यांलका नियमानै क्याले मानो हो?