8 जणा “आओ ल्यो बुराई करां” जिऊँ भलाई होवै। जंय्यां क क्युंक म्हारी बुराई कर म्हारै प दोस लगावीं हीं क म्हें अंय्यां बोलां हां। अंय्यां का मिनख दंड का भागी हीं।
जणा पाछै आपा काँई खेवां? के आपा पाप करता रेह्वां जिऊँ परमेसर की दया बढती रेह्वै?
आपा नेम-कायदा क साराऊँ कोनी जीवां, पण परमेसर की दया म जीवां हां। जणा आपा काँई करां? के आपा पाप करां? नइ, कदैई नइ।
जणा आपा काँई बोलां? के नेम-कायदा पाप ह? पक्काई नेम-कायदा पाप कोनी। क्युंबी हो नेम-कायदो नइ होतो जणा म जाणतोई कोनी क पाप काँई होवै ह। ज नेम-कायदो आ कोनी बतातो क लालच मना करो जणा सचमई म जाणतोई कोनी क लालच काँई ह।
नेम-कायदा इ ताँई आया क पाप बढ सकीं। पण जठै पाप बढ्यो बठै परमेसर की दया इऊँ ओर बी ज्यादा बढी।
पण थारै म अंय्यां का मिनख घुसगा हीं, जिकै बारां म सास्तर म पेल्याऊँई मांडेड़ो ह क, बानै सजा मिलसी। बे परमेसरनै कोनी मानी अर आपणा परमेसर की दयानै कुकरम करबा ताँई हरी झंडी मानी हीं। बे आपणा परबु जखो आपणो मालिक ह बि ईसु मसीनै मानबाऊँ बी मना करीं हीं।
भागहाळा हो थे जखा मनै मानबा की बजेऊँ मिनख थानै सतावै ह, थारी बेजती करै अर झूठ बोलर हर बाता म थानै बुरा बतावीं हीं।
म्हानै मान दिओ जावै ह अर म्हारी बेजती बी करी जावै ह, म्हानै बुरा बी बतावीं अर भला बी बतावीं, म्हारै सागै अंय्यां बरताव कर्यो जावै ह क म्हें ठग हां। इकै बावजुद बी म्हें परमेसर क सामै बिस्वास जोगा हां।
इ ताँई आ कोई ताजूब की बात कोनी ह क बिका दास धरम का काम करबाळा मिनखा जंय्यां को भेस बणावै ह। पण आखीर म बाको नास बाकै काम गेल होसी।