6 नइ, अंय्यां कोनी, ज अंय्यां की बात ह जणा परमेसर जगत का मिनखा को न्याय कंय्यां कर सकै ह?
क्युं क एक दिन परमेसर पेल्याऊँ ते करेड़ा मिनख क हातऊँ जगत का मिनखा को सचाई क सागै न्याय करसी। इ बात को सबूत देबा ताँई परमेसर बिनै मरेड़ा मऊँ जीवायो।”
अ बाता चोखा समचार गेल जिको म परचार करूं हूँ बि दिन होसी जि दिन परमेसर मसी ईसु क जरिए मिनखा की लुखेड़ी बाता को न्याय करसी।
बो आर बा ठेकेदारानै मार अँगूरा को बाग दुसरानै समाळबा ताँई दे देसी।” आ बात सुण बे बोल्या, “अंय्यां कदैई नइ हो।”
नइ, अंय्यां कोनी, ज सगळा मिनख झूठा होवै जणा बी परमेसर सचोई ह। जंय्यां क मंडर्यो ह: “जिऊँ तू तेरी बाता म धरमी होवै, अर जद न्याय करै जणा तेरी जे हो।”
जणा के म्हें बिस्वास क जरिए नेम-कायदानै मानबो बंद कर दिओ? नइ, अंय्यां कोनी! पण नेम-कायदानै थाम राख्या हां।