13 “बाको गळो खुली कबर ह, बे आपकी जबानऊँ छळ करै।” “बाका होठा प साँप को झेर रेह्वै ह।”
नइ, अंय्यां कोनी, ज सगळा मिनख झूठा होवै जणा बी परमेसर सचोई ह। जंय्यां क मंडर्यो ह: “जिऊँ तू तेरी बाता म धरमी होवै, अर जद न्याय करै जणा तेरी जे हो।”
“सगळा का सगळा रूळगा, बे सगळा बिगड़गा, कोई भलाई करबाळो कोनी, एक जणो बी कोनी!”