6 क्युं क परमेसर हरेकनै बिका करमा गेल फळ देसी।
क्युं क आपा इ काया म जीर जखो बी भलो-बुरो काम कर्या हां बिको फळ पाबा ताँई मसी क न्याय सिंघासन क सामै पक्कोई खड़्यो होणो पड़सी।
जद मिनख को बेटो ईस्बर नगरी दुता क सागै परम-पिता की मेमा म आसी जणा बो मिनखानै बाका कामा गेल फळ देसी।”
ईसु सगळा मिनखाऊँ बोलै ह, “सुणो, म तावळोई आऊँ हूँ। अर सागै थारा करमा गेल थारै ताँई फळ ल्याऊँ हूँ।
इकै पाछै म छोटाऊँ लेर बडा ताँई का सगळा मरेड़ा मिनखानै देख्यो। बे बि सिंघासन क सामै खड़्या हा , जणा क्युंक पोथ्या खोली गई। आकै पाछै एक ओर पोथी खोली गई, जखी जीवन की पोथी ह। अर बाका करमा गेल जखा इ पोथी म मांड्या गया हा, मरेड़ा को न्याय कर्यो गयो।
सिचबाळा अर बीज बोबाळा म कोई फरक कोनी। हरेकनै परमेसर बाकी मेनत गेल मजुरी देसी।
म बिका टाबरानै मार गेरस्युं। जणा सगळी बिस्वासी मंडळ्या आ जाण ज्यासी क म हिया अर बुदीनै जाणबाळो हूँ। अर म हरेकनै बाका करमा गेल बदलो देस्युँ।
जणा सई टेम आबाऊँ पेली कोईबी बात को न्याय मना करो। परबु क आबा का टेमऊँ पेली आखरी न्याय कोनी होवै। बो अँधेरा म लुखेड़ी बातानै च्यानणा म ल्यासी अर चित का बिचारानै परगट करसी बी टेमई हरेक की बडाई परमेसर कानिऊँ होसी।
इ ताँई आ बाता क बारां म थारो जखो बी बिस्वास ह बिनै तेरै अर परमेसर क बिच राख। भागहाळा हीं बे मिनख जखा जि बातनै चोखी समजीं हीं बामै खुदनै दोसी कोनी मानी।
इ ताँई आ कोई ताजूब की बात कोनी ह क बिका दास धरम का काम करबाळा मिनखा जंय्यां को भेस बणावै ह। पण आखीर म बाको नास बाकै काम गेल होसी।
धातु को काम करबाळो सिकन्दर मनै बोळो दिन घाल्यो ह। परबु बिकी करनी गेल बिनै फळ दे।