26 ज कोई गैर-यहूदि जखो बिना सुन्नत हाळो ह नेम-कायदा प चालै जणा बिनै सुन्नत हाळो नइ होबा प बी परमेसर सची सुन्नत हाळो गिणसी।
थारा खुदका पापी सुभाव का छुटकारा ताँई थारी सची सुन्नत मिनखा क हाताऊँ नइ पण मसीऊँ करेड़ी ह।
जिऊँ नेम-कायदा की जुर्त आपणा म पूरी होज्यावै क्युं क आपा मिनख सुभाव की बिधीऊँ नइ पण पबितर आत्मा की बिधी गेल जीवां हां।
क्युं क सची सुन्नतहाळा तो आपाई हां बे कोनी, क्युं क आपा परमेसरनै बिकी आत्माऊँ ध्यारां हां अर आपा इ जगत की बाता प नइ पण मसी ईसु प गुमान करां हां।
इ ताँई थे इ बातनै याद करो क थे जलमजात गैर-यहूदि हो, अर काया म मिनखा क हाता सुन्नत करवायड़ा मिनख जानै इ बात प घमंड ह थानै बिना सुन्नतहाळा बोलै ह,
क्युं क खाली एकई परमेसर ह जखो यहूदि मिनखा का बिस्वास क जरिए बानै धरमी बणावै ह अर बि बिस्वास क जरिए बो गैर-यहूदि मिनखानै बी धरमी बणावै ह।
ईसु बिकी इ बातनै सुणर बोल्यो, “हे लूगाई तू बोळो बिस्वास करै ह। इ ताँई जा जंय्यां तू चावै ह बंय्यांई तेरै सागै होवै।” अर बिकी छोरी जदकी जदई निरोगी होगी।
क्युं क ज थे नेम-कायदानै मानो जणा तो सुन्नत को मतबल ह, पण ज थे नेम-कायदा का नियमानै तोड़ो जणा सुन्नत करायड़ा बी नइ करायड़ासा हो।
तू जिकी सुन्नत होईड़ी ह अर तेरै कनै मंडेड़ो नेम-कायदो बी ह इकै पाछै बी तू नेम-कायदा का नियमानै तोड़ै जणा जिकी कायाऊँ सुन्नत कोनी होईड़ी पण नेम-कायदा प चालै ह, बो तनै दोसी बतासी।
क्युं क नइ तो सुन्नत कराबाळा अर नइ सुन्नत नइ कराबाळा क्यु ह, पण जखी बात माईनो राखै ह बा ह क, सगळा नई सरस्टि ह।