21 तू जखो दुसरानै सीखावै खुदनै क्युं कोनी सीखावै? तू जखो दुसरानै चोरी नइ करबा को परचार करै, खुद चोरी क्याले करै ह?
पण म तो मेरी कायानै बस म कर मेरै खया म चलाऊँ हूँ, क्युं क कदै अंय्यां नइ हो क म दुसरानै तो परचार करूं पण खुद निकम्मो खुवाऊँ।
बो दास जखो आपका मालिक की इंछ्या जा'णर बिका कह्या गेल कोनी रिह्यो बिपै जोरकी मार पड़सी।
जणा ईसु बिनै टक्कोसो जुबाब दिओ, “ओ सास्तरानै सीखाबाळो थार प बी हाय ह। क्युं क थे मिनखा प अंय्यां का बोज लादो हो। जिनै उठाबो कलडो ह। अर थे बि बोजनै उठाबा ताँई बानै आँगळी को सारोई कोनी द्यो।
जणा बो मालिक बिऊँ बोल्यो, ‘तू बुरो दास ह! म तेरा कह्या गेलई तेरै सागै करस्युं। तू जाणता बुजता क म टेडो आदमी हूँ जखो म कोनी धरूँ बिनै लेल्युँ अर जखो कोनी बोऊँ बिनै काट ल्युं।
बो बाऊँ बोल्यो, “थे मनै आ बात बोलस्यो, ‘ओ बेद खुदनै निरोगो कर अर आबी बोलस्यो जोक्यु थे कफरनूम म कर्या हो बो थारी खुदकी नगरी म बी करो’
इकै पाछै बो बानै बोल्यो, “पबितर सास्तर म मंडर्यो ह: “‘मेरो मनदर अरदास करबा को घर खुवासी। पण थे इनै डाकूआ की खोळ बणा दि।’”
जदकी सुन्नत कराईड़ा खुद तो नेम-कायदानै कोनी मानै, पण थारी सुन्नत इ ताँई कराबो चावै ह क बानै थारी काया की बजेऊँ गुमान होवै क बे थारी सुन्नत कराई ह।