18 तू परमेसर की इंछ्यानै जाणै अर जखो सई ह बिनै मानै ह क्युं क नेम-कायदाऊँ तनै अ सीखाया गया ह।
सगळी बातानै बिचासो अर जखी चोखी ह बानै पकड़्या रेह्ओ।
अर जखो बी मिनख भलाई करबो जाणै ह पण कोनी करै जणा बो पाप करै ह।
जिऊँ थे घणो चोखो काँई ह इनै टाळर, मसी क ओज्यु आबा का दिन म सगळा बुरा कामाऊँ अर कळंकऊँ पबितर होज्यास्यो।
पण रोटी तो स्याणा ताँई होवै, जखा सीखता सीखता भला-बुरा म भेद करबो जाणज्यावीं।
हरेक बात जखी पबितर सास्तर म मांडी गई ह, बा आपानै सीख देबा ताँई हीं, जिऊँ जखी थ्यावस अर हिमत सास्तराऊँ मिलै ह, बिऊँ आपानै आस मिलै।
इब थे अ बाता जाणग्या हो, जद थे आनै करस्योक जणा परमेसर थानै आसिरबाद देसी।
बो दास जखो आपका मालिक की इंछ्या जा'णर बिका कह्या गेल कोनी रिह्यो बिपै जोरकी मार पड़सी।
म चाऊँ, थे आ जाण सको क थानै सीखायड़ी बाता पुक्ता हीं।
तू आ मानै ह क तू आँदा की आँख ह अर जखा अँधेरा म भटकर्या हीं बा ताँई च्यानणो ह,