11 परमेसर भेद-भाव कोनी करै।
जणा पतरस खेबा लाग्यो, “इब मनै पक्को बेरो पड़गो की परमेसर कोई भेद-भाव कोनी करै।
अर जखा मिनख मान्या-थान्या हा, चाए बे कंय्यांका बी हो, मनै कोई फरक कोनी पड़ै, परमेसर कोईको भेद-भाव कोनी करै बानै मेरा सुणाईड़ा चोखा समचार म क्युंई कमी कोनी लाधी।
मेरो खेबा को मतबल ओ ह क, परमेसर हरेक को बराबर न्याय करसी बो कोईकिई हिमायती कोनी ले। अर हरेक पापीनै बिका बुरा कामा गेलई फळ मिलसी।
ओ मालको, थारा गुलामानै धमकाबो छोडर बाकै सागै बंय्यांई बरताव करो जंय्यां बे थारै सागै करी हीं, क्युं क थानै इ बात को बेरो ह क थारो अर बाको मालिक ईस्बर नगरी म ह अर बिकी नजर्या म सगळा इकसार हीं।
जणा बे हेरोद का गुट का क्युंक मिनखा क सागै आपका चेलानै ईसु कनै भेज्या। अर बे ईसुनै कह्या, “गरूजी म्हें जाणा हां थे सचा हो अर परमेसर आपणाऊँ काँई चावै बिनै खराईऊँ बताओ हो। म्हें आबी जाणा हां थे मुंडो देखर टिको कोनी काडो अर नइ खिकी परवा करो हो।
जणा बे जासुस बिनै फसाबा ताँई सुवाल बुज्यो, “गरूजी म्हें जाणा, तू जखी बी बोलै अर सीखावै बे साची ह अर तू कोईनै छोटो बडो देखर कोईको पक्सपात कोनी करै पण परमेसर को गेलो ईमानदारीऊँ बतावै ह ,
थे बिनै, “परम-पिता” खेर हेलो द्यो हो, इकै वावजुद बी बो थारा कामा को दोगलापुणाऊँ न्याय कोनी करै। क्युं क बिकी नजर्या म सगळा मिनख बराबर ह अर बो सगळा को न्याय बाकै करमा गेल करै ह। जणा थे थारा इ जीवन म बिकै खया प चालो क्युं क थे इ धरती प परदेसी की जंय्यां हो।
जणा आपा काँई बोलां? के परमेसर अन्यायी ह? नइ, अंय्यां कोनी!