10 बा मिनखानै मेमा, मान-समान अर सुक-स्यांती मिलसी जखा भला काम करीं हीं। आ बात पेली यहूदि मिनखा प अर सागै की सागै यूनानी मिनखा प बी लागू होवै ह।
ओ इ ताँई होयो जिऊँ थारो बो बिस्वास जखो आग म ताईड़ा नास होबाळा सोनाऊँ बी मेंगो ह। जखो ईसु मसी क परगट होबाळा दिन थारै ताँई बडाई, मेमा अर ईज्जत को कारण होसी।
थार म स्याणो अर समजदार कूण ह? अर ज कोई अंय्यां को ह जणा बो आनै आपका चोखा जीवनऊँ, नरमाई अर बुदीऊँ भर्या कामाऊँ दिखावै।
काया की बाता प मन लगाबो तो मरबो ह, पण पबितर आत्मा प मन लगाबो जीवन अर स्यांती ह।
बे मिनख जखा थ्यावसऊँ भला कामा म लागर मेमा, मान-समान अर अजर-अमर जीवननै टोवीं हीं बानै परमेसर अजर-अमर को जीवन देसी।
जिऊँ बो च्यानणो मोत की छाया म सोबाळा अर अँधकार म जिबाळा प चमकसी अर आपानै स्यांती म लेज्यासी।”
थे जाणो हो क बिको बिस्वास अर बिका करम एक सागै मिलरई काम कर्या , बिका करमऊँई बिको बिस्वास सिद होयो।
क्युं क मसी ईसु म नइ तो सुन्नत कराबाळो, अर नइ सुन्नत नइ कराबाळो क्यु मांयनै राखै ह। पण बिस्वास जखो परेम की बजेऊँ काम करै ह बोई मांयनै राखै ह।
आपा बिस्वास की बजेऊँ धरमी होगा हां, इ ताँई परबु ईसु मसी क जरिए आपणो मेळमिलाप परमेसरऊँ ह।
बुराई का गेला प चालबाळा दुख संकट भोगसी, आ बात पेली यहूदि मिनखा प अर सागै की सागै यूनानी मिनखा प बी लागू होवै ह।
“म अ बाता थारूँ इ ताँई बोल्यो क थानै स्यांती मिलै। जगत म तो थानै दुखई मिल्यो ह पण हिमत राखो म जगतनै जीत लिओ हूँ।”
जणा थानै परमेसर कानिऊँ बा स्यांती मिलसी जखी मिनखा की सोचऊँ बोळी परै ह अर आ स्यांती थारा दिल अर हिया की मसी ईसु म रूखाळी करसी।
पण पबितर आत्मा का फळ परेम, खुसी, स्यांती, थ्यावस, दया, भलाई, बिस्वास,
थारै बिस्वास गेल थानै आस देबाळो परमेसर थानै सुक-स्यांती अर खुसीऊँ भर देवै। जिऊँ पबितर आत्मा की सक्तिऊँ थारी आस बढती जावै।
क्युं क परमेसर को राज खाबो-पीबो कोनी पण बो तो धारमिक्ता, स्यांती अर पबितर आत्माऊँ मिलबाळो सुक ह।
जिऊँ जानै बो पेल्याऊँई मेमा ताँई त्यार करमाल्यो हो अर बिकी दया क जोगा हा बापै बो आपकी भरपूर मेमा परगट कर सकै।
के खुमारनै इ बात की छुट कोनी क बो माटी की एक लुगदीऊँ एक बरतननै खास मकसद ताँई अर दुसरानै छोटा मोटा काम म आबा ताँई बणावै?
बो धरती का सगळा मिनखानै अपणावै जखा बिको डर मानै अर नेक काम करै चाए बो कोईबी हो।
जखो बी मेरी सेवा करबो चावै ह, बिनै मेरै गेल चालनो पड़सी जिऊँ क मेरा दास मेरै सागैई रेह्वै। जखो मेरी सेवा करसी, बानै मेरो परम-पिता मान देसी।
जद बा घड़ी आई जणा ईसु आपका बा चेला क सागै रोटी खाबा बेठ्यो जखा भेजेड़ा चेला खुवाता हा।
अर बोल्यो, “ज तू आज आ जाणतो क तनै स्यांती किऊँ मिलसी! पण हाल बिनै तू तेरी आँख्याऊँ कोनी देख सकै!
बे दास बडा भागहाळा हीं, जखा मालिकनै चेता म लाधै। अर म सची-सची बोलुँ हूँ, “बो बी आपको गमछो खोलर बानै बिठार रोटी परूससी।
अर बाऊँ बोल्यो, “जखो कोई मेरै ताँई इ टाबरिया को मान करै बो मेरो बी मान करै। अर जखा मेरो मान करीं बे मनै भेजबाळा परमेसर को बी मान करीं हीं। इ बजेऊँ जखो थार मऊँ सऊँ छोटो ह बोई सऊँ बडो ह।”
ज बि घर का मिनखा म एक जणो बी आसिरबाद क जोगो होसी जणा थारो आसिरबाद बिकै लागसी। नहिस तो थारो आसिरबाद ओज्यु थारै कनै आज्यासी।
क्युं क जद बो रूखाळो मसी जखो सकै उपर परधान ह परगट होसी, जणा थानै मेमा को मुकट मिलसी अर इ मुकट की रंगत कदैई कोनी जावै।
थानै चिंत्या अर डरबा की जुर्त कोनी, क्युं क म थानै स्यांती देस्युँ। आ इ दुनिया की स्यांती की जंय्यां की कोनी, आ बा स्यांती ह, जखी मई दे सकूँ हूँ।
अर इब सदाई राज करबाळो राजा, अनदेख्यो, अमर अर बस बि एकई परमेसर को मान अर गुणगान जुग-जुग होतो रेह्वै। अंय्यांई होवै।
तू मिनखनै ईस्बर नगरी दुताऊँ चिनोसोई कम बणायो ह, तू बिकै माथा प मेमा अर मान को मुकट धर्यो ह