4 हरेक बात जखी पबितर सास्तर म मांडी गई ह, बा आपानै सीख देबा ताँई हीं, जिऊँ जखी थ्यावस अर हिमत सास्तराऊँ मिलै ह, बिऊँ आपानै आस मिलै।
अर अ बाता बामै इ हिसाबऊँ होई जिऊँ बे दुसरा मिनखा ताँई सीख होई, अर आपानै चिताबा ताँई पबितर सास्तर म मांडी गई। क्युं क आपा अंय्यां का जुग म जिर्या हां जिमै अंत सांकड़ोई ह।
आस म राजी रेह्ओ, पिड़ा म थ्यावस राखो, लगातार अरदास करता रेह्ओ।
इ ताँई थारी बुदीनै काम म ल्यो, खुदनै बस म राखो अर बि दया की आस राखो जखी थानै ईसु मसी क परगट होबा की टेम मिलसी।
परम-पिता परमेसर क सामै म्हें जद बी जावां जणा थारा बिस्वास का कामानै, थारा परेम भर्या कामानै अर परबु ईसु मसी क ओज्यु आबा की आस म, थे सक्यु सेह्ता होया बी बिस्वास म पक्का हो, आ बातानै सदाई याद करां हां।