9 क्युं क मसी इ ताँई मर्यो अर ओज्यु जिंदो होयो जिऊँ बो मरेड़ा अर जीवता दोन्या को परबु होवै।
म बोई हूँ जिकनै जीवन ह। म पेली मरगो हो पण इब सदा-सदा ताँई जिंदो हूँ, मोत अर पताळ की ताळ्या मेरै कनै ह।
काँई मसी ताँई ओ जरूरी कोनी हो क बो आ दुख-तकलिफानै भोगै अर आपकी मेमा धारण करै?”
आओ ल्यो आपा आपणी आँख्या ईसु प लगावां। जखो बिस्वास को मालिक अर बिनै निधान करबाळो ह। बो आगला सुक क बारां म सोचतो होयो बेजती होबा की चिंत्या कर्या बिना सुळी प दुख भोग्यो अर परमेसर क सिंघासन क दायणै जार बिराजगो।
मसी ईसु जखो राजा क रूप म आसी अर सगळा जीवता अर मरेड़ा को न्याय करसी बिनै अर परमेसरनै गुवा मानर म तनै आदेस देऊँ हूँ,
अर बो म्हानै हेलो पाड़बा अर गुवाई देबा को आदेस दिओ की परमेसर बिनैई मरेड़ा अर जीवता को न्याय करबाळो बणायो ह।
जणा ईसु बाकन आर खेयो, “ईस्बर नगरी अर धरती को सगळो अधिकार मनै दिओ गयो ह।
पण बानै, बिनै जखो जीवता अर मरेड़ा को न्याय करसी, लेखो देणो पड़सी।
जोक्यु मसी कर्यो बिकी बजेऊँ थे परमेसर प बिस्वास करो हो। परमेसर जखो बिनै मरेड़ा मऊँ जीवायो अर मेमा दि, इ बजेऊँई थे परमेसर म आस अर बिस्वास राखो हो।
क्युं क मसी को परेम म्हानै बसमै राखै ह; अर म्हें समजगा क ज एक मिनख आपणा सगळा ताँई मर्यो जणा आपा सगळा बी मरगा।
परमेसर इजरायली मिनखानै चोखा समचार को संदेस दिओ क ईसु मसीऊँ थानै स्यांती मिलसी। जखो सगळा को परबु ह।
“स्मुरना की बिस्वासी मंडळी का मुखियानै मांड। अ बात बिकै कानिऊँ ह जखो पेलो अर आखरी ह, जखो मरगो हो पण ओज्यु जिंदो होगो।
म थारूँ सची बोलर्यो हूँ, ग्युं को दाणो जद ताँई माटी म नइ पड़ै अर नइ मरै, बो एकलोई रेह्वै ह। पण मर्या पाछै बो बोळो फळै ह।
ज तू तेरा मुंडाऊँ बोलै, “ईसु परबु ह,” अर तू ओ बिस्वास करै क परमेसर बिनै मरेड़ा मऊँ जीवा दिओ ह जणा तू बचायो ज्यासी।
क्युं क आपा ओ बिस्वास करां हां क ईसु मर्यो अर जिंदो होयो। इ ताँई थानै चाए क थे ओ बी बिस्वास करो क, जद ईसु ओज्यु आसी जणा परमेसर बानै बी ईसु क सागै भेजसी जखा ईसु म बिस्वास करता-करता मरग्या।
ईसु मसी आपणै ताँई मर्यो। इ ताँई आपा सगळा बिकै सागै सदाई जिस्यां, चाए बिकै आबा की टेम आपा जीवता रेह्वां नहिस मरेड़ा होवां।