2 जणा जखो बी अधिकारी को बिरोद करै ह, बो परमेसर का हुकमा को बिरोद करै ह। अर जखा परमेसर की व्यवस्था को बिरोद करीं हीं बानै सजा मिलसी।
इ ताँई परबु चावै ह, मिनखा क अधिकार क तळै रेह्वो। चाए पाछै बो राजा हो जखो सगळा क उपर ह नहिस कोई अधिकारी।
तू मिनखानै याद दिवा क राज करबाळा अर परधाना को खयो मानी। अर हरतर्या का भला काम करबा ताँई त्यार रेह्वै।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, थार मऊँ घणकराकनै चाए क बे बिस्वासी मंडळी म सीख देबाळा नइ बणै। क्युं क थे जणो हो क म्हें जखा सीख देबाळा हां बाको न्याय ओर बी बेत्ती कल्डाईऊँ होसी।
इ बजेऊँ थानै अधिकारी को कह्यो मानबो जरूरी ह। सजा का डरऊँई नइ पण थारी अन्तर-आत्मा की बजेऊँ बी ओ जरूरी ह।
बे खाली होईड़ी लूगाया का घरानै खाज्यावीं अर देख-दिखावा ताँई लामी-लामी अरदास करीं हीं, आकी बोळी बुरी दसा होसी।”
“हे कपट राखबाळो धरमसास्तर्यो अर फरिसीयो! थार प धिक्कार ह। थे लोगा का ईस्बर नगरी राज म जाबाळा गेलानै रोको हो। थे नइ तो खुद बि गेलै जाओ अर नइ लोगानै बि गेलै जाबा द्यो।
जणा थारै मऊँ कोई बोल सकै ह, “ज आई बात ह जणा बो म्हारै प दोस क्युं लगावै ह? अंय्यां को कूण ह जखो बिकी इंछ्यानै टाळज्यावै?”
सगळा मिनखानै अधिकार्या का कायदा कानून मानबो चाए। क्युं क परमेसर की मरजी क बिना कोई राज कोनी कर सकै, अर परमेसरई अधिकारी बणावै ह।
क्युं क अधिकारी चोखा काम करबाळानै डराबा ताँई नइ पण बुरा काम करबाळानै डराबानै ह। अर ज थे परधानऊँ नइ डरबो चाओ जणा चोखा काम करो जिऊँ अधिकार्याऊँ थारी बडाई होसी।