12 रात ढळबाळी ह, अर दिन उगबाळो ह। अँधेरा का काम करबो छोडो अर उजाळा का हतियार उठाल्यो।
अर अँधकार का बुरा कामा म सामिल मना होवो जंय्यां मिनख करै ह इकी बजाय बानै बाका बुरा कामा ताँई चेताओ।
अर परमेसर की सक्ति की बजेऊँ म्हें परमेसर का दास हां। हमलो करबा अर बचाव ताँई म्हारी धारमिक्ता म्हारो राछ ह।
इ ताँई सगळा गंदा कामाऊँ अर च्यारूमेर फेलेड़ी बुराईऊँ न्यारा होर, नरमाईऊँ थारै हिया म बसेड़ा परमेसर का बचननै मानो, जखा थारी आत्मा को छुटकारो कर सकै ह।
पण परबु ईसु मसी का सुभावनै लेर आपणा पापी सुभावनै अर मन की इंछ्यानै मारो।
बो ईस्बर नगरी दुत मेरूँ ओज्यु बोल्यो, “इ पोथी म जखी बाता होबाळी ह बानै लुखा मना क्युं क आ बाता को पूरो होबा को टेम सांकड़ैई ह।
इ ताँई, थे छळ-कपट, पाखंड, नफरत, बळोकड़ापूणा अर दुसरा प दोस लगाबाऊँ बचर रेह्ओ।
भागहाळो ह जखो परमेसर क कानिऊँ आएड़ा इ समचारनै बाचै अर भागहाळा हीं बे जखा इ पोथी म मांडेड़ी बातानै सुणै अर मानै क्युं क बो टेम सांकड़ैई ह जद अ बाता पूरी होसी।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, म तो आई खेऊँ हूँ, क टेम बोळो कम ह। इ ताँई इबऊँ जिकै लूगाई ह बो अंय्यां रेह्वै जंय्यां बिकै लूगाई आथई कोनी।
अर अ बाता बामै इ हिसाबऊँ होई जिऊँ बे दुसरा मिनखा ताँई सीख होई, अर आपानै चिताबा ताँई पबितर सास्तर म मांडी गई। क्युं क आपा अंय्यां का जुग म जिर्या हां जिमै अंत सांकड़ोई ह।
क्युं क सेतान का नइ दिखबाळा गडानै ढाबा ताँई म्हारै कनै इ दुनिया का राछ कोनी पण बे राछ हीं जामै परमेसर की सक्ति ह।
क्युं क थे इब अँधकार म नइ पण परबु का उजाळा म हो, उजाळो भलाई, धारमिक्ता अर सच जंय्यां का फळ ल्यावै ह। इ ताँई उजाळा का टाबरा की जंय्यां जीओ।
थे भेळो होबो मना छोडो, जंय्यां क कयानै तो बाणई पड़गी ह। पण एक दुसरानै समजाता रेह्ओ अर जंय्यां-जंय्यां बि दिननै कनै आता देखो जणा थानै ओर बी बेत्ती अंय्यां करबो चाए।
इ ताँई आपणै च्यारूमेर गुवाया की भीड़ ह जणा आओ रोड़ो गेरबाळी हरेक चिजानै, उळजाबाळा पापनै दूर करर बा दोड़ जिमै आपानै दोड़णो ह थ्यावस क सागै दोड़ां।
बंय्यांई थे बी थ्यावस राखो अर मजबूत होज्याओ क्युं क परबु को आबो सांकड़ै ह।
बा घड़ी सांकड़ैई ह जद सक्यु नास होज्यासी। इ ताँई स्याणा बणो अर खुदनै बस म राखो जिऊँ थानै अरदास करबा म मदद मिलै।
अर परबु आपका करेड़ा करारनै पूरो करबा म देर कोनी करै, जंय्यांकी कई मिनख सोचै ह। पण परबु आपणा ताँई थ्यावस धरै ह क्युं क बो कोईको बी नास करबो कोनी चावै। पण बो चावै ह क सगळा मिनखानै पापऊँ हिया फेरबा को मोको मिलै।
जदकी अ सगळी चिजा नास होबाळी ह जणा पाछै थे सोचो थारो परमेसर म चाल-चलन किसोक होणो चाए? थानै पबितर जीवन जिबो चाए।
ओ मेरा टाबरो, जंय्यांकी थे जाणो हो क, आखरी घड़ी आगी ह अर मसी को बेरी बी आबाळो ह, अर आबाळो काँई ह जदकी मसी का बोळा बेरी आग्या हीं। इ बात की बजेऊँई आपा जाण सकां हां क आ आखरी घड़ी ह।