भाईचारा अर प्यार-परेम क बारां म म्हानै मांडबा की कोई जुर्तई कोनी, क्युं क इकै बारां म थे खुदई परमेसरऊँ सीख लिआ हो क कंय्यां आपसरी म प्यार-परेम राखबो चाए।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, थे अजाद रेह्बा ताँई बुलाया गया हो, पण अंय्यां नइ हो क आ अजादि काया का कामानै पूरो करबा को सादन बणै। पण परेमऊँ एक दुसरा का दास बणो।
अंय्यांई ओ जवानो थे बिस्वासी मंडळी का मुखिया क खया म चालो, थे छोटा बणर एक दुसरा की सेवा करो, क्युं क, “परमेसर गुमान करबाळा क खिलाप ह, पण जखो मिनख खुदनै छोटो बणावै ह बिकै उपर परबु दया करै ह।”
मेरा लाडला बिस्वास्यो, थारै ताँई म्हानै पिता परमेसरनै धनेवाद देतो रेह्णो चाए अर ओ बाजीब बी ह, क्युं क थे बिस्वास म बोळा बढर्या हो। था सगळा म आपसरी म बोळो प्यार-परेम ह।
ओ परम-पिताजी, म चाऊँ हूँ क बा सगळा म एको होवै, ठिक बंय्यांई जंय्यां म थारै म ओर थे मेर म हो। बे बी आपणा म एक होवीं जिऊँ क इ जगत का मिनख बिस्वास करै क थे मनै भेज्या हो।