10 बाकी आँख्या धुँधळी होज्या जिऊँ बे देख कोनी सकीं। अर बाकी कड़त्यु सदाई झुकी रेह्वै।”
क्युं क परमेसर बा दुतानै जखा पाप कर्या हा बानैई कोनी बकस्यो। अर बानै पताळ क मांयनै अँधेरा कूंड म गेर दिओ, जिऊँ क बे न्यायहाळै दिन ताँई बिकै मांयनै केद रेह्वै।
बाकी मती मरेड़ी ह। बे आपकी अज्ञानता अर हिया की कलडाई की बजेऊँ परमेसर का जीवनऊँ न्यारा ह।
जंय्यां क पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह, “परमेसर बानै बेचेत मिनखा कोसो मन दिओ।” “अंय्यां की आँख्या दि जानै सुजै कोनी अर अंय्यां का कान दिआ जखा सुण कोनी सकै हा। अर आ दसा आज ताँई बणेड़ी ह।”
परमेसरनै जाणता बुजता बी बे बिको परमेसर की जंय्यां आदरमान कोनी कर्यो अर नइ बिनै धनेवाद दिओ। बाकी सोच बेकार होगी अर बाका बेबुदी मन अँधकारऊँ भरगा।
अ मिनख आपका करमाऊँ गंदगी फेलावीं हीं जंय्यां तौफान म समदर की झाल झाग फेकै ह। थानै आ मिनखा का दिखाया गेला प नइ चालबो चाए क्युं क अ बा तारा की जंय्यां हीं जखा नित नई-नई दिसा म जावीं हीं। आ ताँई नरक म अँधेरीयो खाडो सदाई त्यार ह जिमै आनै पटक्यो जासी।
म थानै बा दुता क बारां म बी याद दिलाबो चाऊँ हूँ, जखा आपका अधिकार का पदनै समाळर कोनी राख्या पण बि झघानै छोडर भाग्या जिनै परमेसर बानै रेह्बानै दिओ हो। जणा परमेसर बानै सदा ताँई की आग की भटी म न्यायहाळै दिन ताँई बंद कर दिओ, जिऊँ न्याय क दिन बानै सजा दे।
अ धोकेबाज मिनख सूकेड़ा कुआ की जंय्यां अर आँधी म उडबाळा बादळ की जंय्यां हीं। परमेसर आ ताँई नरक म अँधेरी झघा त्यार कर राखी ह।