8 पण सास्तर बोलै ह क, “बचन तेरै कनै ह, तेरा होठा प ह अर तेरा मन म ह।” इ बिस्वास का बचन को आपा हेलो पाड़ां हां।
ज तू भाईड़ानै अ हिदायत देसी जणा तू मसी ईसु को चोखो दास होसी। इऊँ ओ बेरो पड़ै क, आत्मिक रूपऊँ बिस्वास का बचन अर सची सीख तेरै मांयनै ह, जखी तू मानतो आयो ह।
पण परबु को बचन सदाई बण्यो रेह्सी।” अर ओई बचन चोखो समचार ह जखो थानै सुणायो गयो ह।
म तो थारूँ अत्तो जाणबो चाऊँ हूँ, क थानै पबितर आत्मा को बरदान नेम-कायदानै मानबा की बजेऊँ मिल्यो नहिस जखो चोखो समचार थे सुण्या बिपै बिस्वास करबा की बजेऊँ मिल्यो हो?
परमेसर, जखो थानै पबितर आत्मा दिनी ह अर थारै मांयनै ताजूब हाळा काम करै ह, के बो थारै मांयनै अ काम नेम-कायदानै मानबा की बजेऊँ नहिस थारै मसी का चोखा समचार प बिस्वास करबा की बजेऊँ करै ह?
सुणबाऊँ बिस्वास उपजै ह अर सुणबो खाली मसी का बचनऊँई होवै।
अर सगळा परमेसर की खेबाळा बिकै बारां म गुवाई दि ही की जखो बी बिपै बिस्वास करसी बिका पाप ईसु मसी क नाम म धुप ज्यासी।”
क्युं क थे नयो जीवन पाया हो। अर थारो ओ नयो जीवन मिनखऊँ कोनी आयो जिको अंत होवै ह। पण थारो ओ जीवन परमेसरऊँ आयो ह, जिको कोई अंत कोनी। क्युं क थे परमेसर का बचन प बिस्वास कर्या, जखो सदा-सदाई बण्यो रेह्वै ह।
जणा बे बिऊँ बोल्या, “परबु ईसु म बिस्वास कर। अंय्यां करबाऊँ तू अर तेरो सगळो कूणबो छुटकारो पासी।”
जिऊँ बिस्वासी मंडळीनै मसी परमेसर का बचना अर पाणी का बतिस्माऊँ धोर पबितर अर उजळी बणावै,