अर म सगळो को सगळो बिको होज्याऊँ। म खुदकी धारमिक्ता की बजेऊँ धरमी कोनी हूँ जखी नेम-कायदा म मंडेड़ा धरम का काम करबाऊँ आवै ह, पण बि धारमिक्ता की बजेऊँ धरमी हूँ जखी मसी म बिस्वास की बजेऊँ परमेसर कानिऊँ आवै ह अर ओ बिस्वास करबाऊँई होवै ह।
ईसु बाऊँ बोल्यो, “थे तो मिनखा म देख-दिखावा का धरमी हो। पण परमेसर तो थारा हियानै जाणै ह, क्युं क जखी चिज मिनखा की नजर्या म बोळी खास ह बिको परमेसर की नजर्या म काँई मोल?