जिनै जुग-जुग बण्या रेह्बाळा परमेसर का हुकमाऊँ परमेसर की खेबाळा का लेखा क जरिए सगळा गैर-यहूदि मिनखा प परगट कर बता दिओ गयो ह, जिऊँ बामै बिस्वासऊँ पैदा होबाळी कह्यो मानबा की मनस्या पैदा होवै।
पण ज पाळेड़ा जेतून का दरख्त की क्युंक डाळ्यां तोड़र फेक दि जावै, अर एक जंगली जेतून की डाळीनै बिपै कलम चढा दिओ जावै, जणा थे गैर-यहूदि जखा पाळेड़ा दरख्त प कलम चढाईड़ी डाळ्यां की जंय्यां हो जेतून की जड़्या का पोसण का साती हो।
बाकै ताँई परमेसर की खेबाळा यसाया की बाता सई साबित होई: “थे सुणस्यो अर सुणताई रेहस्यो पण थारै समज म क्युंई कोनी आसी। थे देखता रेहस्यो पण थानै क्युंई कोनी सुजसी।