32 बे परमेसर का नियमानै जाणी हीं क जखो मिनख अंय्यां जीवै ह बो मोतनै पाळै ह जणा पाछै बी बे खुद तो अंय्यां करै जखा करैई ह अंय्यां करबाळा दुसरानै बी सई बतावै।
परमेसरनै जाणता बुजता बी बे बिको परमेसर की जंय्यां आदरमान कोनी कर्यो अर नइ बिनै धनेवाद दिओ। बाकी सोच बेकार होगी अर बाका बेबुदी मन अँधकारऊँ भरगा।
अर थे खुद जाणो हो क बि टेम थानै कंय्यां को फळ मिल्यो? जिकी बजेऊँ आज थे सरमिंदा हो अर जिको आखरी फळ मोत ह।
परमेसर की झाळ ईस्बर नगरीऊँ मिनखा का हरेक पाप अर बुराई क खिलाप परगट होवै ह, जखा बुराईऊँ सचनै दबावै ह।
अंय्यां कर थे आ दिखाओ हो क थे थारा बाप-दादा क गेल चालर्या हो। क्युं क बे तो बानै मार्या अर थे बाकी कबर बणाओ हो।
अर जद थारा गुवा सतफनुसनै मार्यो जार्यो हो जणा बि टेम म बठैई खड़्यो हो, अर बिकी मोतनै सई बताई अर बिनै मारबाळा का गाबा की रूखाळी करी।’
सतफनुस की मोतनै साऊल सई बतायो। बि दिनऊँई बिस्वासी मंडळ्या प तुमत आ पड़ी जिऊँ ईसु का भेजेड़ा चेलानै छोडर बाकी सगळा बिस्वासी यहूदिआ अर सामरीया म बिखरगा।
क्युं क पाप की मजुरी तो मोत ह पण आपणा परबु मसी ईसु म परमेसर को बरदान अजर-अमर जीवन ह।
अंय्यां बे सगळा जखा सच प बिस्वास कोनी कर्या अर कूगेला चालर मजा मारता हा बे सजा भोगसी।