जणा परमेसर बाऊँ मुंडो फेर लिओ, अर बानै आसमान का चाँद-तारानै धोकबा ताँई छोड दिओ जंय्यां की परमेसर की खेबाळा की पोथ्या म मंडर्यो ह, ‘ओ इजरायल का कूणबा का मिनखो, थे उजाड़ म चाळिस बरसा म मनै ज्यानबर अर चढावो चढाया हो के?
साचली तो आ ह क आपा सगळा बी बाकी जंय्यांई पेल्या बुरी इंछ्या गेल दिन काटर्या हा जखी काया अर मन की इंछ्या होती बिनैई करर्या हा। अर आ सगळा की जंय्यांई आपा बी परमेसर का परकोपनै भोगबा जोगा हा।