23 अर बे नइ मिटबाळा परमेसर की मेमानै नास होबाळा मिनख, पंछ्या, जानबर अर पेटपल्याणा चालबाळा जिनावरा की मूरत्या म बदल दिआ।
अर आपा परमेसर का टाबर हां, जणा आपानै ओ समजबो चाए क परमेसर आपणै हातऊँ घड़ेड़ी सोना-चाँदी अर भाठा की चिजा जंय्यां को कंय्यां हो सकै ह?
बे परमेसर का सचनै झूठ म बदल्या, अर जगतनै रचबाळा की झघा बिकी रचेड़ी चिजानै ध्यारीं अर बाकी सेवा करीं हीं, जगतनै रचबाळा की जे सदाई होवै। अंय्यांई होवै।
थे बिस्वास म आबाऊँ पेली परमेसरनै नइ ध्यारबाळा मिनखा की जंय्यां खूब जीवन जीआ हो। थे कुकरमी हा, अर थे थारी बुरी इंछ्या गेल चालता हा। थे दारू म धुत्त, मेफलबाज्या अर उदफेली म लाग्या रेह्ता हा। अठै ताँई क थे सूगली मूरतानै पूजता हा।
क्युं क थे खुदई जाणो हो क जद थे परमेसरनै नइ ध्यारबाळा हा जणा बिना जीव की मूरत्यानै धोक्या करता हा अर बाकीई लीक पिट्या करता हा।
जखा मिनख आग, धुँआ अर तिजाब हाळी म्हामारीऊँ बचगा हा बे तौबा कोनी कर्या हा, बे ओपरी बलायानै सोना, चाँदी, पितळ, भाठा अर काठ की मूरत्या क जखी नइ तो बोल सकै ह नइ देख सकै ह, नइ चाल सकै अर नइ सुण सकै बानै धोकबो कोनी छोड्या।
बिपै धरती का च्यार टांगा हाळा अर रिंगबाळा ज्यानबर अर आसमान का पंछी हा।